सोमवार, 12 नवंबर 2007

क्योकि ससूर भी कभी जवांई था

ससुर यानि घर के कोने में पड़ा रद्दी का अखबार ट्विस्ट नहीं ला सकता... बेचारा हमेशा लाचार और निरीह रहता है...कोई भी कहानी हो..वो कभी केंद्र नहीं बनताबालीवुड के सुचितावादी निर्माता भी उस पर कोई फोकस नहीं करते

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